आत्महत्या : एक दर्दनाक कहानी | Very Sad Kahani


उसे जीना नहीं था। वो खुद को खत्म कर देना चाहती थी। उसके दिमाग में हमेशा यही विचार आ रहा था। उसने डिसीजन ले लिया था। सिर्फ अंत कैसे करें इसके बारे मे सोच रही थी। 


आत्महत्या : एक दर्दनाक कहानी | Very Sad Kahani


चारों ओर अंधेरा ही था । अपने ही सोच में मग्न पूर्वी नीचे बैठकर बहुत वक्त तक ऐसे ही बैठे फर्श की तरफ एक टक देख रही थी। पति के धोखेबाजी से पूर्वी अंदर से टूट गई थी। उसने बोले हुए वह शब्द पूर्वी के दिल में घाव कर गए थे।


 इस बार पंकज ने तो हद पार कर दी थी। अब ओर जीने का कोई अर्थ ही नहीं बचा था। अब खुद को खत्म कर दू इसके सिवाय दूसरा विचार उसके मन में नहीं आ रहा था! दोनों बच्चे गहरी नींद में थे, एक नज़र उनकी तरफ देखा, उनके सिर पर प्यार से हाथ फेरा। आंखों में आंसुओं की धारा बहने लगी थी। उसने मन में एक दृढ़ निश्चय किया था। रात के 2:00 बजे थे हर तरफ बहोत सन्नाटा था और वह धीरे से उठी और दूसरे रूम में गई। गले में फांसी का फंदा डालने हि वाली थी,तभी कुछ गिरने का आवाज आई!


आत्महत्या : एक दर्दनाक कहानी | Very Sad Kahani


पूर्वी का 2 साल का बेटा जोर जोर से रोने लगा। उसी क्षण पूर्वी की 6 साल की बेटी चिल्लाने लगी, मम्मी छोटू बेड के ऊपर से नीचे गिर गया। तुम कहां हो? देखो ना छोटू कितना रो रहा है। पूर्वी भाग कर दूसरे रूम में आई और अपने बेटे को उठाकर अपनी गोद में लिया और अपने सीने से लगा लिया। 


बेटी रोते हुए बोली मम्मी तुम कहां चली गई थी? मुझे बहुत डर लग रहा था। तुम हम दोनों को छोड़कर कहीं मत जाओ मुझे अकेले में बहुत डर लगता है। पूर्वी अपने दोनों बच्चों को पास लेकर जोर से गले से लगा लिया और रोने लगी। दोनों बच्चे उसके सीने से लिपट कर सो जाते सो गए।


रोते रोते पूर्वी को कब नींद आ गई उसे पता हि नहीं चला। कामवाली बाई गंगू की आवाज से पूर्वी की नींद टूटी। अरे मैडम आपने बाहर का गेट खुला क्यों छोड़ दिया था? अरे मैडम क्या हुआ अभी तक आप सोई हुई हो? तबीयत तो ठीक है ना?


 वो खुद को संभालते हुए बोली, हां थोड़ी तबीयत ठीक नहीं है। घड़ी में वक्त देखती है तो 8:30 बजे थे।आज तुम्हें आने में इतनी देर क्यों हो गई? मैडम चौथी गली में मेहताजी रहते हैं ना उनकी बहू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली! दो बच्चे हैं उनके। उनकी एक 10 साल की बेटी और 6 साल का बेटा है।


 यह सुनकर पूर्वी के कलेजे को धक्का लगा अपनी साड़ी ठीक करके उसने पूछा कब हुआ? गंगू ने बोला रात को हुआ मैडम। मैंने ऐसा सुना है कि उसके पति की दूसरी औरत से संबंध थे। कमबख्खत अभी तक नहीं आया।


 अचानक पूर्वी ने गुस्से से बोली : अच्छा किया वह आया या नहीं आया उससे क्या फर्क पड़ता है? अब वह थोड़ी ना देखने आने वाली है। ये सुनकर गंगू पूर्वी के कान के पास आई और धीरे से बोली, मैडम मैं अनपढ़ गवार हूं और घर घर में जाकर झाड़ू पोछा करके मेरा पेट भर्ती हूं और आप पढ़े -लिखें हुए लोग हो। भले ही मैं आपसे उम्र में बड़ी हूं।जीवन का अनुभव आपसे थोड़ा ज्यादा है।आजकल साहब और आपके बीच जो चल रहा है वह ठीक नहीं है। 


मुंह बंद था फिर भी मेरे कान खुले रहते थे।मैं एक औरत हूं और औरत के दुख में भी समझती हूं। इसलिए मुझे आपको एक बात बतानी है। आत्महत्या यह कोई भी समस्या का समाधान हो नहीं सकता। जिंदगी में उतार चढाव तो होते ही रहते है।इसका मतलब ऐसा नहीं कि आप अपनी जान दे दो। मैडम जी कभी कभी आदमी अपना रास्ता भटक जाता है। पर अंत में घूमकर अपने ही घर वापस आता है और जब नहीं आए तो भी क्या फर्क पड़ता है?आप किसके लिए मरना चाहती हो? जो आपको प्यार नहीं करता, जिसको आपकी थोड़ी सी भी परवाह नहीं हो, उसके लिए आप जी नहीं सकती जो आपसे प्यार करते हैं! 


जिसको आप की कदर हो,आपके माता-पिता जो आपसे बहुत प्यार करते हैं। आपके बच्चे जिनको आपकी जरूरत है। गंगू का बोलना सुनकर पूर्वी की आंखों में से आंसू की धारा बेहने लगे। पूर्वी गंगू को गले लगाकर रोने लगी। गंगू पूर्वी को पीठ पर से हाथ फेरते हुए सोफे पर बैठाती है और बोलती है बुरा न मानो तो एक बात बोलूं मैडम? खाली दिमाग शैतान का घर होता है। आप घर मै बैठकर फालतू बातों को सोचते हो। 


मैं आपके घर मैं काम करने के बाद में 9से 3 इस वक्त स्कूल में झाड़ू लगाने जाती हूं। वहां की प्रिंसिपल मैडम बहुत अच्छी है। आप तो पढ़े हुए हो अगर आप बोलती हो तो मैं आपके लिए टीचर का काम करने का पूछूं क्या? आपका वक्त भी निकल जाएगा, और मन भी लग जाएगा।


इस पर पूर्वी चुप बैठी थी। कोई भी जवाब ना मिलने पर गंगू बोली, मैं आपके लिए चाय लेकर आती हूं, और गंगू काम करने लग जाती है। काम निपटा कर बोलती है मैडम मैं जाती हूं। उतने में पूर्वी उससे बोलती है,रुको गंगू तुम स्कूल में मेरे लिए पूछना यदि संभव हो तो प्रिंसिपल मैडम का नंबर मुझे लाकर दो। गंगू के चेहरे पर खुशी का भाव दिखा। गंगू पूर्वी के पास जाकर बैठी और धीरे से बोली मैडम मैंने दूसरे रूम में बेड पर स्टूल रखा हुआ देखा था। 


ऐसा आप कभी भी मत करना, यह आपका घर है इसे बचाने को आपसे जो हो सके वह कीजिए। बिना लढ़े आपने हार मान लीं? गंगू पूर्वी के हाथ अपने हाथ में लेकर बोली मैडम एक फिल्म में एक हीरो ने एक डायलॉग बोला था "लड़ाई लड़कर जीती जाती है, मरकर नहीं क्योंकि मुर्दे कभी लड़ा नहीं करते।" गंगू हाथ नचाते हुए ऐसे बोलने  


 लगी यह देखकर पूर्वी को बहुत हंसना आया। गंगू का बोलना सुनकर पूर्वी का मन हल्का हो गया। और उसे एक नई आशा की किरण भी दिखी।वह अलमारी में से अपने सर्टिफिकेट निकालने लगी।


     दोस्तों, पति पत्नी का रिश्ता यह बहुत स्नेही होता है। भगवान को यही दुआ करती हूं कि, कोई भी पति-पत्नी के जीवन में ऐसा मोड़ नहीं आना चाहिए, अगर आया भी तो आत्महत्या ये उसका इलाज नहीं है। जीवन में कोई भी समस्या का आत्महत्या यह समाधान हो नहीं सकता।


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