कर्म और नसीब - प्रेरणादायक कहानी | inspirational Hindi story 


आज की प्रेरक कहानी कर्मा पर आधारित है। यह कहानी है दो भाइयों की। एक बड़ा भाई और एक छोटा भाई जो दोनों स्वभाव से बिल्कुल विपरीत थे।


कर्म और नसीब - प्रेरणादायक कहानी | inspirational Hindi story



बड़ा भाई मानता था कि लोगों की मदद करनी चाहिए। सेवा भाव रखना चाहिए। सबसे अच्छे से पेश आना चाहिए, जब जब मौका मिले दान देना चाहिए।


छोटा भाई मानता था कि जीवन एक ही बार मिलता है इसलिए उसे खुल कर जीना चाहिए। जो भी मन हो वह करना चाहिए। नशा हो, डांस बार जाना हो, या और कुछ भी जिससे खुशी मिले वह हर काम करना चाहिए।


दोनों भाई अपनी अपनी मान्यताओं के हिसाब से अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। 


बड़ा भाई जो भी कमाता उसमें बड़ी मुश्किल से गुजारा कर पाता था क्योंकि वह जब भी मौका मिलता दूसरों की मदद करता था। वो सत्संग सुनने जाता, मेडिटेशन करता। वो जितना हो सके उतना सादा जीवन जीने की कोशिश करता।


छोटा भाई गलत रास्ते और गलत तरीके से ज्यादा धन कमाता और अपनी हर इच्छा पूरी करता। दारु, सिगरेट पीता नाचने वालियों के पास जाता। जितना संभव हो उतना ऐश करता।


बड़ा भाई अक्सर अपने भाई को समझाने की कोशिश करता की वह अपने जीने का तरीका बदल दे। वो जो कुछ कर रहा है  वे अच्छे कर्म नहीं है। लेकिन छोटा भाई उसकी एक ना सुनता और उल्टा बड़े भाई को ही अपना जीने का तरीका बदल ने के लिए कहता!


वे दोनों ही एक दूसरे की बात माने बिना अपने अपने तरीके से जिंदगी जीते रहे। 


एक दिन बड़े भाई को घर लौटते वक्त रास्ते में चप्पल में कील घुस गई जो चप्पल को चीरते हुए उसके पैर में घुस गई। उसे बड़ा दर्द हुआ। दर्द इतना ज्यादा था कि वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था लेकिन फिर भी जैसे तैसे, लंगड़ाते, दर्द सहन करते अपने घर तक पहुंच गया।


घर पहुंचने के बाद उससे बिल्कुल भी खड़ा हुआ नहीं जा रहा था। उसे बहुत प्यास लग रही थी लेकिन दर्द इतना ज्यादा था कि वह पानी का गिलास लेने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। इसलिए अब बड़ा भाई  छोटे भाई के आने की राह देखने लगा।


थोड़ी देर बाद छोटा भाई घर आया। उसके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान थी वह बहुत ज्यादा खुश लग रहा था। छोटे भाई को देखते ही बड़े भाई ने उसे पानी मांगा। छोटे भाई ने ठंडा पानी बड़े भाई को पिलाया और उसे क्या हुआ है उसके बारे में पूछा। बड़े भाई ने बताया कि उसके पैर में कील घुस गई है।


छोटा भाई बड़े भाई से बोला देखिए आप इतना सादा और सच्चाई भरा जीवन जीते हैं, बदले में आपको क्या मिला? और यह देखिए मैं कितना खुलकर जीवन जीता हूं इसलिए आज मुझे रास्ते में य हीरे का हार मिला हैं। हमारे दोनों की परिस्थितियां यह साबित करती है कि मेरा तरीका सही है और आपका गलत!


बड़ा भाई बड़ा परेशान था फिर भी वह छोटे भाई को समझाने लगा कि नहीं उसी का तरीका सही है। बड़ा भाई कह रहा था कि तरीका मेरा ही सही है लेकिन शायद कुछ गड़बड़ है इसलिए हम ऐसा करते हैं कि कल हम दोनों जोत्शी को अपनी अपनी कुंडली दिखाएंगे वही बताएगा कि क्या दिक्कत है।


वह जिस जोतिश की बात कर रहे थे वह बहुत बड़ा जाना माना जोत्शी था। उसकी कोई भी भविष्यवाणी गलत नहीं होती थी। छोटा भाई हीरे का हार मिलने की वजह से बहुत खुश था इसलिए वह भी बड़े भाई के साथ जाकर कुंडली दिखाने के लिए राजी हो गया।



अगले सुबह दोनों भाई अपनी अपनी कुंडली लेकर उस जोत्शी के पास पहुंच गए। बड़े भाई ने अपनी कुंडली ज्योति को दिखाई।


उस कुंडली को देखते ही ज्योतिषी बोला बाप रे बाप किस अभागे की यह कुंडली है? यह तो अब तक मर गया होगा!


बड़ा भाई कुछ नहीं बोला और फिर छोटे भाई की कुंडली जोतिषी को पढ़ने के लिए दी गई। उसकी कुंडली देखते ही जोत्षी खुशी से बोल पड़ा यह बहुत अच्छी कुंडली है। इसमें तो राजयोग लिखा है। यह जरूर अब तक मंत्री बन गया होगा!


दोनों कुंडली दिखा देने के बाद दोनों भाइयों ने ज्योतिषी से कहा कि यह दोनों कुंडली उनकी है और आप की भविष्यवाणी गलत है। क्योंकि ना ही बड़ा भाई अब तक मरा है और ना ही छोटा भाई मंत्री बना है।


जोतिषी ने दोनों से कहा कि मैं कुंडली पढ़ने में गलत हो ही नहीं सकता! हां अगर तुम्हारे कर्म कुछ ऐसे हो तो तुम्हारी कुंडली में लिखा बदल जरूर सकता है।


जोतिषी ने पहले बड़े भाई से और बाद में छोटे भाई से उनके जीवन जीने का तरीका और वह कैसे कर्म करते हैं उसके बारे में विगत से जाना।



जोतिष ने दोनों को समझाते हुए कहां कि मेरी पढ़ी हुई कुंडली गलत नहीं है यह बड़े भाई के अच्छे कर्म है जिसने उसको कुंडली में लिखे मौत की जगह सिर्फ एक कील का दर्द दिया!


और दूसरी तरफ छोटे भाई के बुरे कर्म है जिसकी वजह से उसका राजयोग चल गया और उसे सिर्फ एक छोटा सा हीरे का हार मिला जिसे जल्द ही बेचकर खत्म कर देगा।


दोस्तों छोटी सी ए प्रेरक कहानी हमें वही सदियों पुरानी बात याद दिलाती है कि जैसे कर्म होंगे वैसे ही फल होंगे। अगर हमारा वर्तमान अच्छा या बुरा है तो वह हमारे पहले पुराने कर्मों की वजह से है। और हमारा भविष्य अच्छा या बुरा होगा वह हमारे वर्तमान के कर्मों के हिसाब से होगा। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि अच्छे कर्म करना ना छोड़े!


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