शिक्षाप्रद कहानी : मूर्ख और यमराज | Shikshaprad kahaani


एक आदमी की मौत होनेवाली थी। यमराज बड़ा लंबा सफर कर उसके पास पहुंचा। यमराज लंबे सफर सफर की वजह से काफी थक गए और सबसे पहले उस आदमी के पास उन्होंने पीने के लिए पानी मांगा।


शिक्षाप्रद कहानी : मूर्ख और यमराज | Shikshaprad kahaani


यह जानते हुए भी कि यमराज उसकी जान लेने आया है उस आदमी ने घर के अंदर जाकर ठंडा सा पानी लाकर यमराज को पीलाया!


पानी पीने से यमराज को बहुत संतोष हुआ। यमराज ने खुश होकर उस आदमी से कहा - हालांकि मैं तुम्हारी जान निकाल ने आया हूं लेकिन तुमने जो मुझे पानी पिलाया है इस वजह से मैं तुमसे खुश हूं और अपने उसूलों के खिलाफ जाकर तुम्हे मै अपनी ये पेन और  पुस्तक 5 मिनिट के लिए दूंगा ! इसमें तुम जो भी लिखोगे वो सच हो जायेगा।


आदमी काफी खुश हो गया। वचन के मुताबिक यमराज ने उसे पेन और पुस्तक दे दिया और 5 मिनिट का समय गिनना शुरू कर दिया। आदमी ने पुस्तक को पकड़ा और उसका पहला पन्ना खोला तो उसमें उसके दोस्त का नाम लिखा हुआ था। उसको अपने दोस्त के जीवन में क्या घटित होने वाला है उसकी जिज्ञासा हुई और उसने उस पन्ने को पढ़ा तो उसमे लिखा हुआ था की उसके दोस्त को जल्द ही 3 करोड़ की लॉटरी लगले वाली हैं।


ये पढ़ने की देर थी और उसके मन में अपने दोस्त के प्रति ईर्षा जागृत हो गई। उसने उस पन्ने पर लिखा ऐसा न हो।


दूसरा पन्ना पलटा तो उसके एक पड़ोसी का नाम लिखा था उसको अपने पॉलिकल कैरियर में सफलता मिलने वाली थी । उस आदमी का अपने उस पड़ोसी से अच्छा व्यवहार नहीं था इसलिए उसने उसके पन्ने पर  भी लिख दिया की ऐसा न हो।


अगला पन्ना पलटने पर उसके एक रिश्तेदार का नाम आया जिसके बारे में लिखा था की वो एक हफ्ते में नई कार खरीदेगा। आदमी ने उसके पन्ने पर लिख दिया ऐसा न हो।


अगला पन्ना उसने पलटा तो वहा उसके बॉस का नाम था जिसका प्रमोशन होने वाला था। आदमी अपने बॉस से चिढ़ता था इसलिए उसने वहा भी लिख दिया की ऐसा ना हो।


अब अगला पन्ना पलटने पर उसका खुद का नाम आया! इससे पहले की वो आदमी उसे पढ़ पाता और अपनी किस्मत बदलने के लिए कुछ लिख पाता यमराज ने उसके हाथ से किताब और पेन छीन लिए। यमराज ने उसे कहां की बस आपके 5 मिनिट खत्म हुए।


आदमी यमराज के आगे काफी गिड़गिड़ाया और मिन्नते की की यमराज उसे   1 मिनिट का समय और दे दे ताकि वो अपने नाम वाले पन्ने पर कुछ लिख पाए पर यमराज ने उसकी एक भी नहीं सुनी।


यमराज ने उस आदमी के प्राण निकाले और यमलोक चला गया!


दोस्तो, छोटी सी ये कहानी हमें सिखाती है की अगर आप दूसरो का बुरा सोचोगे तो आपका भला नही हो सकता। दूसरे तरक्की करे इस बात से हमे कभी भी ईर्षा नही करनी चाहिए। हमारी सोच होनी चाहिए सबका भला हो और साथ में हमारा भी।


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