कहानी: बदनसीब बाप | Moral Story
एक शादीशुदा जोड़ा अपना सेकंड हनीमून मनाने के लिए क्रूज टूर पर गए। इस दौरान वे अपने बच्चों को घर पर ही छोड़ गए थे। बदनसीबी से खराब और बहुत ही तूफानी मौसम के कारण क्रूज शिप डूबने लगी।
सभी लोगों की तरह वे दोनों भी अपनी जान बचाने के लिए लाइफबोट एरिया की तरफ दौड़े..लेकिन वहां भी सिर्फ एक ही व्यक्ति के लिए जगह बची हुई थी! अपनी पत्नी को डूबती शीप पर छोड़ आदमी लाइफबॉट में बैठ गया!
पत्नी उसी डूबती शीप पर खड़ी अपने पति को दूर जाते हुए देख रही थी.. वो चिल्लाकर अपने पती से बोली..
इस कहानी को यही विराम देते हुए शिक्षक ने अपने सभी विद्यार्थियों को पूछा," क्या कोई अंदाजा लगा सकता है ,पत्नी ने पति से क्या कहां होगा?"
ज्यादातर विद्यार्थियों का एक समान उत्तर था, उन्होंने कहा ,"पत्नी बोली होगी कि मैंने तुमसे इतना प्यार किया और तुम मुझे इस तरह छोड़ कर जा रहे हो! मैं तुमसे नफरत करती हूं।"
शिक्षक की नजर एक शांत बैठे विद्यार्थी पर पड़ी। शिक्षक ने उसे जाकर यह सवाल पूछा। विद्यार्थी बोला,"मुझे लगता है वह बोली होगी हमारे बच्चों का ध्यान रखना!"
शिक्षक को आश्चर्य हुआ उन्होंने विद्यार्थी से पूछा," क्या तुमने यह कहानी पहले भी सुनी है?"
विद्यार्थी ने सर हिलाया और बोला ,"नहीं, लेकिन बीमारी की वजह से दम तोड़ते हुए मेरी मां ने यही शब्द आखिर में मेरे पिता से कहे थे!" शिक्षक ने उस विद्यार्थी को सही जवाब देने के लिए शाबसी दी।
कहानी को आगे बढ़ाते हुए शिक्षक ने कहा, क्रूज शिप डूब गई और साथ में पत्नी भी! पति घर वापस लौट आया और उसने अकेले ही अपने बच्चों को पाल पोस कर बड़ा किया।
कई सालों बाद उस पति की भी मौत हो गई। 1 दिन उसकी बेटी जो उसे अपनि मां की मौत की जिम्मेदार मानती थी, अपने पिता के सामान को साफ करते हुए उसे एक डायरी मिली, जिसे पढ़कर उसे सच्चाई का पता लगा।
डायरी में लिखा था..जब उसके मां बाप उस क्रूज शिप पर गए थे तब उन्हे पहले से ही पता था की उसकी मम्मी को थर्ड स्टेज कैंसर हैं और इसीलिए वो दोनो आखरी बार एकसाथ ज्यादा से ज्यादा समय बिता सके इसलिए दोनो अकेले ही उस क्रूज शिप पर गए थे।
जब उस शीप पर वह मनहूस समय आया था तब उसके पिता ने उस अकेली बची लाइफ बोट की जगह में बैठने से मना कर दिया था।
उन्होंने डायरी में लिखा था की वह भी अपनी पत्नी के साथ ही उस डूबती हुई शीप में डूब जाना चाहते थे।! लेकिन सिर्फ और सिर्फ उनके बच्चों के लिए अपनी पत्नी के कसम देने के बाद उनको उसे अकेला छोड़ कर उस लाइफ बोट में सवार होना पड़ा!"
इस डायरी को पढ़ने के बाद बेटी फूट फूट कर रो पड़ीं।
शिक्षक ने यह कहानी यहीं खत्म कि और पूरा क्लास शांति में डूब गया।
यह शांति देख शिक्षक को पता चल गया कि वह इस कहानी के जरिए जो सीख अपने विद्यार्थियों तक पहुंचाना चाहते थे वह पहुंच चुकी है।
इस दुनिया में अच्छे और बुरे हर तरह के लोग हैं लेकिन कभी-कभी परिस्थितियां ऐसी विकट हो जाती है कि आप बुरे या अच्छे का फैसला नहीं कर पाते।
इसीलिए कभी भी हमें कोई भी फैसला लेने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। सिर्फ बाहरी चीजों को जान लेने से किया गया फैसला कभी भी सही नहीं हो सकता। बिना किसी जांच-पड़ताल के और बिना दूसरों का पॉइंट ऑफ व्यू समझे फैसला करना छोड़ दीजिए।
वह जो होटल में आपके खाने का बिल भरते हैं इसलिए नहीं क्योंकि उन्हें अपने पैसों का घमंड है बल्कि इसलिए कि वह आपको पैसों से ज्यादा एहमियत देते हैं।
वह जो हमेशा आपकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं इसलिए नहीं क्योंकि उन्हें आपसे कुछ चाहिए बल्कि इसलिए क्योंकि वह आप में एक अच्छा दोस्त देखते हैं।
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हटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंNice story
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