दोस्तों,जीवन में किसी भी काम को लगातार करना  या किसी राह पर सफलता मिलने तक बिना रुके चलते रहना इतना भी आसान नही होता है! लेकिन आप लोग निराश मत होइए क्योंकि अगर समय समय पर हम प्रेरित(motivate) होते रहे तो यह काम भी आसान हो जाता है। आज की एक छोटी सी मोटिवेशनल कहानी आप में नई जान फूंक देगी और आप जिस भी काम को लगातार करना चाह रहे होंगे उसके लिए आपको प्रेरणा देगी इसलिए मेरी आप से रिक्वेस्ट है कि इसे आप एक बार पूरी जरूर पढ़िएगा। 


A Small Motivational Story | एक छोटी सी मोटिवेशनल कहानी



 A Small Motivational Story | एक छोटी सी मोटिवेशनल कहानी


एक छोटे से खेत में एक जवान लड़का और उसका दादा मिट्टी खोद रहे थे।  वे मिट्टी को पलट रहे थे, उसकी गांठों को तोड़ रहे थे ताकि मिट्टी उस वर्ष की बुवाई के लिए अच्छे से तैयार हो सके। 


 उस काम में काफी कड़ी मेहनत थी लेकिन उनके सभी प्रयास एक अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए आवश्यक थी।


 बूढ़ा आदमी अपने 70 की उम्र  में भी अच्छी तरह से कड़ी मेहनत कर रहा था। हा थकान से वो काफी हद तक हांफ रहा था। हर प्रहार के जोर से उसके माथे से पसीना टपकता था लेकिन फिर भी वह शिकायत नहीं कर रहा था।


 उसका पोता जो महज 17 साल का था, तंदुरुस्त और ताकतवर।  वह मिट्टी को पलटने और गांठों को तोड़ने में लगती मेहनत और ताकत के लिए कोसता, फिर वहाँ खड़े होकर वह हाँफता और थोड़ी देर के रुक जाता! थोड़ा आराम करने के बाद एक बार फिर से काम शुरू करने से पहले शिकायत करता।


 थोड़ी देर बाद, युवा पोता देखता है कि उसके दादाजी ने जितना काम कर जमीन को तैयार किया वो खुद ने कि तैयार की जमीन से बहोत ज्यादा हैं।


 "दादाजी, जब आप इतने बूढ़े हो फिर भी आपने मुझसे इतना अधिक काम कैसे किया?"  पोता अपने दादा से पूछता है।


 दादाजी ने उसे जो जवाब दिया ऊसकी उसे उम्मीद नहीं थी।


 "जब हम किसी काम को मुश्किल मानते है और उसके बारे में ज्यादा सोचते है तो सच में मुश्किल हो जाता है, और हम बिना सोचे जब उसे करते है और करते ही रहते है तो वो आसान हो जाता है।"


 पोता थोड़ा अचंभित हो जाता है इसलिए दादाजी अपनी बात जारी रखते हैं।


 "जब हम अपना समय यह सोचने में बिताते हैं कि कोई काम कितना कठिन है, और अभी कितना सारा बाकी है,तब हमारा मन बहाने बनाने लगता हैं।


  इन सभी चीजों के बारे में सोचना, अपने स्वयं के विचारों के बवंडर में फंसना ही उस काम को हमारे लिए बहोत ज्यादा कठिन बना देता है। इसलिए समझदारी इसी में है की वास्तविक रूप से पहली बार में शारीरिक कार्य किया जाए”


 "जब आप तय किए काम  के बारे में ज्यादा सोचते हैं और अपने दिमाग को नकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देते हैं, तो आपकी गति उस काम को करने के लिए अपने आप धीमी होते जाती है।  अगर आपको किसी भी काम के दौरान सकारात्मकता बनाए रखना चाहते है तो आपको तुरंत उस काम को शुरू करना चाहिए और अगर देखना और सोचना है तो जीतना आप आगे बढ़े यानी की जितना काम आपने अच्छे से खत्म कर लिया उसे देखे न की जो बाकी है उसे!उसके बारे में विचार करे ऐसा करने से एक सुखद और सकारात्मक एहसास आपको उस काम को लगातार करते रहने की ऊर्जा देता रहेगा। 


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2 टिप्पणियाँ

  1. हेलो सर आप की कहानी अच्छी लगी और आप का दिल से धन्यवाद जो आप ने अपने ज्ञान को हम लोगो को दिया आप ले किए दिल से प्राथना है आप सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचे

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  2. अपने बहुत ही अच्छी कहानी लिखी है जो सभी लोगों को अपने काम बिना शिकायत किये करने में मदद करेगी ।

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